Sehri Aur Iftar Ki Dua in Hindi | सेहरी और इफ्तार की दुआ।

अस्सलाम अलैकूम।आज हम आपको बताएंगे रमज़ान मे रोजे की सेहरी और इफ्तार की दुआ ( Sehri Aur Iftar Ki Dua in Hindi ) । इसके अलावा यह भी बताएंगे रमज़ान में रोजे की नियत करना कितना जरूरी है। साथ में रोजे कि नियत ( sehri ki dua )की दुआ और रोजा खोलने ( iftar ki dua ) की दुआ के एक एक फोटो हिन्दी अरबी और इंग्लिश में मौजूद हैं, जिसे आप डाउनलोड कर के अपने मोबाइल कम्प्यूटर में रख सकते हैं। सेहरी और इफ्तार की दुआ तीन भाषाओं में लिखे गए हैं। अरबी दुआएं हिन्दी और अंग्रेजी में लिखना पढ़ना थोड़ा मुश्किल होता है, फिर भी हम चाहते हैं कि आप तक सही जानकारी पहुंचा सके।

Sehri Aur Iftar Ki Dua in Hindi | सेहरी और इफ्तार की दुआ।

Sehri Aur Iftar Ki Dua in Hindi | सेहरी और इफ्तार की दुआ।


बिस्मिल्लाहिर् रहमानी रहिम।

Sehri ki Dua in Hindi Aur Tarzuma । सेहरी की दुआ और तर्जुमा हिन्दी में।


|| व बि सोमि गदिन नवई तु मिन शहरि रमजान ||

Sehri ki Dua Ka Tarzuma । सेहरी की दुआ का तर्जुमा -
मैंने माह रमज़ान के कल के रोजे की नियत की है। 

सेहरी की दुआ पढ़ने से पहले बिस्मिल्लाहिर् रहमानी रहिम जरूर पढ़ें, कोई भी काम हो बिस्मिल्लाह से सुरू करना चाहिए, बिस्मिल्लाह में बहुत बरकत है। सेहरी की दुआ को मुंह से पढ़ना हमेशा बेहतर माना गया है। लेकिन कोई रोजा रखने के लिए (आज मैं रोजा रखूंगा या कल मैं रोजा रखूंगा) इतना भी नियत कर ले तो उसका रोजा हो जाएगा । सेहरी का खाना खाने और पानी पीनेे के बाद दुआ पढ़ना चाहिए। फजर के अज़ान से पहले पहले सेहरी करके सेहरी की दुआ जरूरी पढ़ें। 


Sehri Aur Iftar Ki Dua in Hindi | सेहरी और इफ्तार की दुआ।


Sehri Ki Fazilat | सेहरी की फजीलत।


सेहरी का वो खाना जो रमज़ान में रात के आखरी हिस्से से लेकर सुबह सादिक़ तक रोज़ा रखने की नियत से खाया जाता है।

Hadees - हदीस ।


“अल्लाह तआला और उसके फ़रिश्ते सहरी करने वालौ पर अपनी रहमते नाज़िल करते है” (मुसनद अहमद 11102)

“रसू लुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया सहरी खाया करो सहरी में बरकत है” (सही बुखारी 1923)

“अब्दुल्लाह बिन हारिस सारियह रज़ियल्लाहु अन्हु कहते हे की नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के सहाबा में से एक आदमी ने कहा में अल्लाह के रसूल के पास ऊस समय पहुंचा जब आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम सहरी कर रहे थे आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया ये (सहरी) अल्लाह की नैमत है जो तुम्हें दी गई है, इसलिए सहरी क्या करो” (सुनन नसाई 2162)

“हमारे और अहले किताब (यहूदो नसारा) के रोज़ों में सहरी का फ़र्क़ है” (मुस्लिम 1096)

“अरबाज़ बिन सारियह रज़ियल्लाहु अन्हु कहते हे की मुझे रसू लुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने रमज़ान में सहरी खाने के लिए बुलाया और यू कहा बाबरकत गिज़ा पर आओ” (अबू दावूद 2344)

Sehri me Deri Na kre । सेहरी में देरी ना करें।


रमज़ान की सेहरी में देरी नहीं करनी चाहिए। “रसू लुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया तुम में से कोई जब सुबह की अज़ान सुने और (खाने पीने का) बर्तन उस के हाथ में हो तो उसे अपनी ज़रूरत पूरी किए बगैर न रखे” (अबू दावूद 2350)

Sehri Ki Duwa In Arabic & English | सेहरी की दुआ अरबी और इंग्लिश में।

Sehri ki Dua in Arabic । सेहरी की दुआ अरबी में।


|| وَبِصَوْمِ غَدٍ نَّوَيْتُ مِنْ شَهْرِ رَمَضَانَ ||

Urdu Tarzuma -

|| اورمیں نے ماہ رمضان کے کل کے روزے کی نیت کی ||

Sehri Ki Duwa In English । सेहरी की दुआ इंग्लिश में

“Wa bisawmi ghadinn nawaiytu min shahri ramadan”

Iftar Ki Dua in hindi । रोज़ा खोलने की दुआ हिंदी में 

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम


अल्लाहुम्मा इन्नी लका सुमतु, व-बिका आमन्तु, व-अलयका तवक्कालतू, व- अला रिज़क़िका अफतरतू

ऐ अल्लाह। मैंने तेरी रजा के लिए रोज़ा रखा है और तेरे ही कहने पर रोज़ा खोल रहा/ रही हूं।

Iftar Ki Dua - Roza Kholne Ki Dua in hindi

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  Ramadan ki Barkatain in Hindi 2023 | माह-ए-रमजान की बरकते।

इफ्तार ( रोजा खोलने ) की दुआ , मगरिब के अज़ान के बाद रोजा खोलने से पहले बिस्मिल्लाहिर् रहमानी रहिम पढ़ने के बाद पढ़ना चाहिए। इफ्तार की दुआ रोजा खोलने से पहले पढ़ें फिर खजुर से रोजा खोले। खजुर से रोजा खोलना सुन्नत है।

Iftar Ki Dua - Roza Kholne ki Dua in Arabic 


بِسۡمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحۡمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ


اَللّٰهُمَّ اِنَّی لَکَ صُمْتُ وَبِکَ اٰمَنْتُ وَعَلَيْکَ تَوَکَّلْتُ وَعَلٰی رِزْقِکَ اَفْطَرْتُ.

اے اللہ!میں نے تیری خاطر روزہ رکھا اور تیرے اوپر ایمان لایا اور تجھ پر بھروسہ کیا اورتیرے رزق سے اسے کھول رہا ہوں۔

Iftar Ki Dua - Roza Kholne Ki Dua in Arabic

Iftar Ki Dua in English 


Bismillaahir Rahmaanir Raheem


Allahumma inni laka sumtu wa bika amantu wa 'alayka tawakkaltu wa 'ala rizqika aftartu

O Allah! I fasted for you and I believe in you and I put my trust in You and I break my fast with your sustenance.

Iftar Ki Dua - Roza Kholne Ki Dua in English

Iftar Karne Ki Fazilat । इफ्तार करने की फजीलत।


इफ्तार की फजीलत क्या है आइए जानते हैं हदीस की रोशनी में।
“नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया मेरी उम्मत के लोगों में उस वक़्त तक भलाई बाक़ी रहेगी जब तक वो इफ़तार में जल्दी करते रहेंगे” (सहीह बुखारी 1957)

“रसूल अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया लोग उस वक़्त तक खैर पर रहेंगे जब तक इफ्तार में जल्दी करते रहेंगे” (तिरमिज़ी 699)

“नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया जिस आदमी ने किसी रोज़ेदार को इफ्तार करवाया तो उस आदमी को भी उतना ही सवाब मिलेगा जितना सवाब रोज़ेदार के लिए होगा, और रोज़ेदार के सवाब में से कुछ भी कमी नही की जाएगी” (तिरमिज़ी 807)

“नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया रोज़ेदार की दुआ इफ्तार के वक़्त रद नहीं की जाती” (इबने माजह 1753)

“अनस बिन मालिक रज़ियल्लाहु अनहु कहते हें रसू लुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम नमाज़े मग़रिब पढ़ने से पहले चंद ताज़ा खजूरों से रोज़ा इफ्तार करते थे, और अगर ताज़ा खजूरें नहीं मिलती तो आप खुश्क (सूखी) खजूरों से इफ्तार कर लेते और अगर खुश्क (सूखी) खजूरें भी नहीं मिलती तो आप चंद घूंट पानी पीलेते” (अबू दावूद 2356)



Conclusion

रमज़ान के दौरान रोज़ा रखना न केवल खाने-पीने से परहेज़ करना है, बल्कि अल्लाह से निकटता की तलाश करना भी है।
अल्लाह तआला की खुब इबादत करे। और हज़रत मुहम्मद सल्ललाहू अलैहि वसल्लम पे दरूद पाक भेजे। 

अल्लाह तआला हमे और आपको और दुनिया के तमाम मुसलमानो को सही दिन के रास्ते पे चलने की तौफीक अता फरमाए। आमीन।
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