Namaz Me Padhi Jane Wali Surah in Hindi: नमाज में पढ़ी जाने वाली सबसे आसान सूरह हिन्दी में।

प्यारे दोस्तों अस्सलाम अलैकूम। Namaz me Padhi Jane wali Surah । दोस्तों ऐसे तो नमाज में कुरआन मजीद की कोई भी सूरह पढ़ी जा सकती है। लेकिन हम यहां कुरआन मजीद की सबसे छोटी और आसान सूरह लिख रहे हैं। जिसे अक्सर नमाज में पढ़ी जाती है । जिसे आपको याद करने में आसानी होगी। दोस्तों नमाज में पढ़ी जाने वाली कुरआन मजीद की सबसे आसान 7 सूरह है।
सूरह फातिहा, सूरह नास, सूरह फलक, सूरह इखलास, सूरह मसद, सूरह नस्र, और सूरह काफिरून है। नमाज में पढ़ी जाने वाली सूरह हिन्दी में तर्जुमा के साथ लिखा गया है।

Namaz Me Padhi Jane Wali Surah in Hindi: नमाज में पढ़ी जाने वाली सबसे आसान सूरह हिन्दी में।

Namaz Me Padhi Jane Wali Surah


(1)

Surah Fatiha In Hindi । सूरह फातिहा हिन्दी में।

अ ऊ’ज़ु बिल्लाही मिनश शैता निर्रजीम।
बिस्मिल्ला हिर रहमानिर रहीम।

अलहमदु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन।

अर्रहमान निर्रहीम।

मालिकि यौमिददीन।

इय्या-क न-बुदु व-इय्या-क नसतईन।

इहदिनस सिरातल मुस्तक़ीम।

सिरातल लज़ी-न अन-अम-त अलैहिम गै़रिल मगज़ुबि अलैहिम व-लज्ज़ाल्लीन।

आमीन।

Surah Fatiha Tarzuma: सूरह फातिहा हिन्दी तर्जुमा 

सब तारीफ़ अल्लाह तआला के लिए है। जो पूरे जहानों का पालने वाला है।
बड़ा मेहरबान निहायत रेहम करने वाला।
बदले (क़यामत) के दिन का मालिक है।
हम सिर्फ़ तेरी ही इबादत करते है। और तुझ से ही मदद चाहते है।
हमें सच्ची और सीधी राह दिखा।
उनलोगों का रास्ता जिन पर तूने इनआम किया। उनका नहीं जिनपर गज़ब किया गया और ना गुमराहों का।


(2)

Surah An-Nas in Hindi: सूरह नास हिन्दी में।




बिस्मिल्ला–हिर्रहमा–निर्रहीम

कुल अऊजु बिरब बिन नास ।

मलिकिन नास ।

इलाहिन नास ।

मिन शर रिल वसवासिल खन्नास ।

अल्लज़ी युवसविसु फी सुदूरिन नास ।

मिनल जिन्नति वन नास ।


Surah An-Nas Tarzuma: सूरह नास हिन्दी तर्जुमा।

आप कह दीजये! की मैं लोगों के परवरदिगार की पनाह में आता हूं
लोगों के मालिक की
लोगों के माबूद की (पनाह में
वस्वसा डालने वाले खन्नास के शर से
जो लोगों के सीनों में वस्वसा डालता है
चाहे वो जिन मैं से हो या इंसान में से

(3)

Surah Falaq in Hindi: सूरह फलक हिन्दी में 


बिस्मिल्लाह–हिर्रहमान–निर्रहीम

कुल अऊजु बिरब्बिल फलक

मिन शररि मा ख़लक़

वमिन शररि ग़ासिकिन इज़ा वकब

वमिन शररिन नफ़ फ़ासाति फ़िल उक़द

वमिन शररि हासिदिन इज़ा हसद


Surah Falaq Tarzuma: सूरह फलक हिन्दी तर्जुमा 

कह दीजिए मैं सुबह के रब की पनाह मांगता हूँ
तमाम मख़लूक़ात के शर से
और अँधेरी रात के शर से जब कि उस की तारीकी फ़ैल जाये
और उन औरतों के शर से जो गिरहों में फूंक मारती है
और हसद करने वाले के शर से जब वो हसद करने लगे


(4)

Surah Ikhlas In Hindi: सूरह इखलास हिन्दी में 


बिस्मिल्ला–हिर्रहमा–निर्रहीम

कुल हुवल लाहू अहद

अल्लाहुस समद

लम यलिद वलम यूलद

वलम यकूल लहू कुफुवन अहद



Surah Ikhlas Tarzuma: सूरह इखलास हिन्दी तर्जुमा 

आप कह दीजिये कि अल्लाह एक है
अल्लाह बेनियाज़ है
वो न किसी का बाप है न किसी का बेटा
और न कोई उस के बराबर है

(5)

Surah Masada in Hindi: सूरह मसद हिन्दी में


बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

तब्बत् यदा अबी ल – हबिंव् – व तब्ब 

मा अगना अ़न्हु मालुहू व मा क – सब्

स – यस्ला नारन् ज़ा – त ल – हबिंव्

वम् – र – अतुहू हम्मा – लतल् ह – तब

फ़ी जीदिहा हब्लुम् मिम् – म – सद् 



Surah Masada Tarzuma: सूरह मसद हिन्दी तर्जुमा

अबु लहब के हाथ टूट जाएँ और वह ख़ुद सत्यानास हो जाए
(आख़िर) न उसका माल ही उसके हाथ आया और (न) उसने कमाया
वह बहुत भड़कती हुई आग में दाख़िल होगा
और उसकी जोरू भी जो सर पर ईंधन उठाए फिरती है
और उसके गले में बटी हुई रस्सी बँधी है

(6)

Surah An-nasr in Hindi: सूरह अन नस्र हिन्दी में



बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

इज़ा जा – अ नसरुल्लाहि वल् – फ़त्हु

व रऐतन्ना – स यद्ख़ुलू – न फ़ी दीनिल्लाहि अफ़्वाजा 

फ़ – सब्बिह् बिहम्दि रब्बि – क वस्तग्फ़िरहु , इन्नहू का – न तव्वाबा 


Surah An-nasr Tarzuma: सूरह अन नस्र हिन्दी तर्जुमा

ऐ रसूल जब ख़ुदा की मदद आ पहँचेगी

और फतेह (मक्का) हो जाएगी और तुम लोगों को देखोगे कि गोल के गोल ख़ुदा के दीन में दाख़िल हो रहे हैं

तो तुम अपने परवरदिगार की तारीफ़ के साथ तसबीह करना और उसी से मग़फेरत की दुआ माँगना वह बेशक बड़ा माफ़ करने वाला है

(7)

Surah Kafirun in Hindi: सूरह काफिरून हिन्दी में



बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

कुल या अय्युहल काफिरून

ला अ अबुदु मा तअ’बुदून

वला अन्तुम आ बिदूना मा अ’अबुद

वला अना आबिदुम मा अबत तुम

वला अन्तुम आबिदूना मा अअ’बुद

लकुम दीनुकुम वलिय दीन


Surah Kafirun Tarzuma: सूरह काफिरून हिन्दी तर्जुमा 

आप कह दीजिये ए ईमान से इनकार करने वालों
न तो मैं उस की इबादत करता हूँ जिस की तुम पूजा करते हो
और न तुम उसकी इबादत करते हो जिसकी मैं इबादत करता हूँ
और न मैं उसकी इबादत करूंगा जिसको तुम पूजते हो
और न तुम ( मौजूदा सूरते हाल के हिसाब से ) उस खुदा की इबादत करने वाले हो जिसकी मैं इबादत करता हूँ
तो तुम्हारे लिए तुम्हारा दीन और मेरे लिए मेरा दीन





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