Premanand Ji Maharaj Health Update 2025: मदीना से मुस्लिम दुआ और इंसानियत का पैगाम
एकता का अनोखा दृश्य
अक्टूबर 2025 की शुरुआत में सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हुआ जिसने करोड़ों लोगों के दिल को छू लिया। वीडियो मदीना शरीफ़ का था — जहाँ एक मुस्लिम भाई हाथ उठाकर हिंदू संत प्रेमानंद जी महाराज के लिए दुआ कर रहा था।
वो कह रहा था,
“वो बहुत अच्छे इंसान हैं, हम भारत से हैं और हम अल्लाह से उनकी सेहत की दुआ करते हैं।”
उस एक पल ने मानो सारी दीवारें तोड़ दीं — धर्म की, जाति की, विचारों की।
भारत में एक तरफ वृंदावन में भक्त “राधे राधे” का जाप कर रहे थे, और दूसरी तरफ मदीना में कोई “या अल्लाह” कहकर उसी व्यक्ति की भलाई मांग रहा था।
यह नज़ारा सिर्फ एक वीडियो नहीं था, बल्कि मानवता की जीत का प्रतीक बन गया।
प्रेमानंद जी महाराज कौन हैं?
स्वामी प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन के प्रसिद्ध संत हैं। उनके प्रवचन सिर्फ भक्ति नहीं सिखाते, बल्कि जीवन का गहरा अर्थ भी बताते हैं — प्रेम, त्याग, और सत्य के मार्ग पर चलना।
वो अक्सर कहते हैं —
“भगवान तक पहुँचने का सबसे सच्चा रास्ता प्रेम और भक्ति है।”
उनके लाखों अनुयायी हैं जो रोज़ उनके सत्संग सुनते हैं और जीवन में शांति खोजते हैं।
Premanand Ji Maharaj health update | स्वास्थ्य की स्थिति (अक्टूबर 2025)
पिछले कुछ समय से प्रेमानंद जी महाराज की तबीयत को लेकर चिंता बनी हुई थी। बताया गया कि उन्हें किडनी की गंभीर बीमारी है और वे डायलिसिस पर हैं।
हालांकि आश्रम की ओर से जारी बयान में बताया गया कि उनकी हालत अब स्थिर है और वे धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहे हैं।
कुछ समय पहले उनका एक नया वीडियो सामने आया, जिसमें महाराज जी पहले की तरह हँसते-मुस्कुराते दिखे। यह देखकर भक्तों की आँखों में खुशी और राहत दोनों झलक आईं।
भक्तों ने तो यहाँ तक कहा कि अगर जरूरत पड़े तो वे अपनी किडनी दान करने के लिए तैयार हैं, लेकिन महाराज जी ने विनम्रता से कहा —
“मैं किसी को दुख नहीं देना चाहता। जो मिलना है, वो ईश्वर की इच्छा से ही मिलेगा।”
यह बात सुनकर हर किसी का दिल भर आया।
Muslim dua from Medina | मदीना से उठी एक दुआ
इसी बीच सोशल मीडिया पर एक और वीडियो वायरल हुआ — जिसमें प्रयागराज के एक मुस्लिम युवक ने मदीना शरीफ़ से प्रेमानंद जी महाराज के लिए दुआ की।
उसने कहा:
“हिंदू या मुस्लिम होने से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता, इंसान अच्छा होना ज़रूरी है।”
यह शब्द सिर्फ एक वाक्य नहीं, बल्कि एक सदी के लिए संदेश हैं।
मदीना की पवित्र सरज़मीन से उठी यह दुआ भारत के हर कोने तक पहुँची — और सबको याद दिलाया कि इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है।
कई मुस्लिम लोगों ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा —
“अल्लाह उन्हें शिफ़ा दे। शांति और भाईचारा बना रहे।”
इस वीडियो ने इंटरनेट पर आशा और एकता का माहौल बना दिया।
Islamic point of view | इस्लामी नज़रिया: इंसानियत सबसे पहले
इस्लाम सिखाता है कि हर इंसान अल्लाह की मख़लूक (रचना) है, और उसकी तकलीफ़ पर रहम करना ईमान की निशानी है।
कुरआन में भी कहा गया है:
“जिसने एक इंसान की जान बचाई, उसने पूरी इंसानियत को बचाया।” (सूरह अल-माइदा 5:32)
इसी सोच को आज कई मुसलमान प्रेमानंद जी महाराज के प्रति दिखा रहे हैं।
हालाँकि वे उनके धार्मिक विश्वास से सहमत नहीं होते — क्योंकि इस्लाम में तौहीद (एक अल्लाह में ईमान) सबसे बड़ा सिद्धांत है —
लेकिन फिर भी वे उन्हें एक नेकदिल इंसान मानते हैं, और उनकी भलाई के लिए दुआ करते हैं।
इसका मतलब साफ़ है —
अक़ीदा अलग हो सकता है, मगर इंसानियत सबको जोड़ सकती है।
सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएँ
जब मदीना से दुआ करने वाला वीडियो सामने आया, तो इंटरनेट भर में भावनाओं की बाढ़ आ गई।
-
एक यूज़र ने लिखा: “इससे बड़ी मिसाल क्या होगी? मदीना से किसी हिंदू संत के लिए दुआ — यही असली भारत है।”
-
दूसरे ने कहा: “धर्म अलग हो सकते हैं, लेकिन दिल सबके एक जैसे हैं।”
-
कुछ ने इसे “गंगा-जमुनी तहज़ीब की असली झलक” बताया।
यानी, प्रेमानंद जी महाराज की बीमारी ने अनजाने में एक ऐसा मौका दिया जिसने हिंदू-मुस्लिम एकता को और मज़बूत बना दिया।
Vrindavan Saint news | आश्रम की प्रतिक्रिया
वृंदावन स्थित आश्रम ने सभी अफवाहों को शांत करते हुए कहा कि महाराज जी की सेहत स्थिर है और वो अपने अनुयायियों के साथ लगातार संपर्क में हैं।
उनके कार्यक्रमों को अस्थायी रूप से सीमित किया गया है ताकि वे आराम कर सकें।
आश्रम की ओर से संदेश जारी हुआ —
“आप सब प्रेम से दुआ करें, महाराज जी भगवान की कृपा से शीघ्र स्वस्थ होंगे।”
मुस्लिम उलेमा और धर्मगुरुओं की प्रतिक्रिया
कुछ मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी इस घटना का स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि इस्लाम किसी के प्रति नफ़रत नहीं सिखाता।
मौलाना शाहबुद्दीन रिज़वी ने कहा:
“जो भी अल्लाह की मख़लूक़ है, उसके लिए दुआ करना नेकी है। अगर कोई अच्छा इंसान है, तो उसके लिए दुआ करना इमान का हिस्सा है।”
यह बयान पूरे भारत में चर्चा का विषय बन गया क्योंकि इसने बताया कि धर्म अगर सही मायनों में समझा जाए तो वो बाँटता नहीं, जोड़ता है।
प्रेमानंद जी महाराज की शिक्षा और मुसलमानों का दृष्टिकोण
प्रेमानंद जी महाराज ने हमेशा प्रेम, शांति और सेवा की बात की है।
उनकी यह शिक्षा — “दूसरों के लिए वही करो जो तुम अपने लिए चाहते हो” — इस्लाम की शिक्षा से भी मेल खाती है।
इसलिए बहुत से मुस्लिम लोग उन्हें एक “अच्छे इंसान” के रूप में देखते हैं।
वे उनके धार्मिक मतों से भले अलग हों, मगर उनके आचरण, विनम्रता और मानवता को सराहते हैं।
Interfaith harmony | इंटरफेथ एकता का संदेश
यह पूरी घटना सिर्फ एक बीमारी या दुआ की कहानी नहीं है।
यह इस बात की मिसाल है कि जब नीयत साफ़ हो, तो दिलों के बीच की दूरी मिट सकती है।
मदीना से आई दुआ और वृंदावन से उठी आशीष — दोनों ने दिखा दिया कि ईश्वर का रास्ता चाहे अलग हो, मंज़िल सबकी एक है — प्रेम, करुणा और शांति।
निष्कर्ष
आज जब दुनिया धर्म, राजनीति और विचारधाराओं में बँटी हुई है, ऐसे में एक छोटा-सा वीडियो हमें याद दिलाता है कि इंसानियत अब भी ज़िंदा है।
प्रेमानंद जी महाराज की बीमारी ने सिर्फ भक्तों को नहीं, बल्कि पूरे समाज को एक सबक दिया —
कि जब हम दूसरों के लिए दुआ करते हैं, तब असल में हम अपने दिल को भी बेहतर बनाते हैं।
मदीना की दुआ और वृंदावन की भक्ति —
दोनों ने मिलकर यह सिखाया कि
“धर्म अलग हो सकते हैं, लेकिन दुआ और प्रेम का रास्ता एक ही होता है।आप भी उनकी सेहत के लिए दुआ करें — अल्लाह सभी को शिफ़ा दे।”
#PremanandJiMaharaj #MuslimPrayers #MedinaDua #HinduMuslimUnity #Spirituality #IslamicView #HumanityFirst #VrindavanSaint #PeaceAndLove #IslamicWaqia