200+ Best Jumma Mubarak Shayari in Hindi | जुम्मा मुबारक शायरी हिन्दी में

इस्लाम में जुम्मा (शुक्रवार) का दिन सबसे मुकद्दस दिन माना गया है। यह दिन रहमत, बरकत और माफी का दिन है। मुसलमान इस दिन खास नमाज़ पढ़ते हैं, दुआ करते हैं और अल्लाह से अपनी मुश्किलों का हल मांगते हैं।
जुम्मे की सुबह एक नई रौशनी लेकर आती है — जो दिल को सुकून और रूह को ताजगी देती है। जुम्मा मुबारक इस्लाम में रहमत और बरकत का दिन है। यहाँ पढ़ें 200+ दिल को छू लेने वाली जुम्मा मुबारक शायरी, 2 लाइन और 4 लाइन इस्लामी कोट्स जो आपको ईमान, सुकून और दुआ की याद दिलाएँगे। हर मुस्लिम भाई-बहन के लिए खास शायरी कलेक्शन। “जुम्मा मुबारक शायरी” जो आप अपने दोस्तों, परिवार या सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते हैं। इन शेरों में दुआ, मोहब्बत, और ईमान की ख़ुशबू है। 250+ islamic quotes in hindi । इस्लामिक स्टेटस हिन्दी में।

जुम्मा मुबारक शायरी इन हिंदी – मुस्लिम लड़की दुआ करती हुई, मस्जिद की पृष्ठभूमि में रहमत और बरकत का एहसास
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दो लाइन वाली शायरी (2 Line Jumma Mubarak Shayari)

  1. सजदे में सिर झुका दो, दुआ में दिल लगा दो,
    आज जुम्मे का दिन है, रहमतें बरसा दो। 🌙

  2. जुम्मे का दिन है, सुकून की फिज़ा है,
    अल्लाह की रहमत हर दिल में बसा है। 🌸

  3. जब दिल में ईमान हो, तो हर ग़म आसान है,
    जुम्मे का दिन है — बरकत का अरमान है। 💫

  4. हर जुम्मा याद दिलाता है, रब कितना करीब है,
    बस सजदा करो, यही सुकून नसीब है। 🌙

  5. जुम्मा मुबारक हो उस दिल को, जो दुआ में झुकता है,
    और हर मुश्किल में “अल्लाह” कहकर रुकता है। 🤲

  6. नज़रों में नूर हो, दिल में सुकून हो,
    जुम्मा का दिन हो और अल्लाह का ज़िक्र हो। ✨

  7. हर जुम्मे दुआ करो, हर रोज़ शुक्र अदा करो,
    अल्लाह रहम करने वाला है — ये याद रखा करो। 💖

  8. जो दिल से अल्लाह को पुकारता है,
    वो कभी तन्हा नहीं रहता। जुम्मा मुबारक! 🌿

  9. जुम्मा है, बरकतों का मौसम आया,
    दुआओं का समंदर लहराया। 🌊

  10. जो सजदे में गिरा, वही ऊँचा हुआ,
    जुम्मा मुबारक — यही तो असली दुआ। 🌸

चार लाइन वाली शायरी (4 Line Jumma Mubarak Shayari)


  1. जुम्मे का दिन है, रहमतें बरसा दे या रब,
    हर गुनाह माफ़ कर दे, रहमत अता दे या रब,
    इस दिन की बरकत से हमारी दुनिया बदल दे,
    हर दिल को सुकून, हर रूह को सदा दे या रब। 🌙

  2. जब भी जुम्मा आता है, दिल सुकून पाता है,
    हर फिक्र मिट जाती है, जब सजदा नसीब आता है,
    रहमतों का सागर है ये दिन —
    जो मांगे, अल्लाह सब कुछ दे जाता है। 💫

  3. जुम्मे की सुबह, बरकतों की शाम,
    हर मुसलमान के लिए रहमत का पैग़ाम,
    अल्लाह करे हर दुआ हो कबूल,
    और तेरी ज़िंदगी में आए सिर्फ सलाम। 🌸

  4. जुम्मा मुबारक का दिन है,
    हर ग़म से राहत का सिलसिला है,
    सजदे में सर रखो और कहो —
    “या अल्लाह, तेरी रहमत ही सब कुछ है।” 🤲

  5. आज जुम्मे की सुबह है, दुआओं का दिन है,
    दिल से जो मांगा जाए, वो क़ुबूल होता है,
    रहमत की बारिश हो हर घर में,
    और हर दिल नूर से रोशन होता है। 🌿

  6. जो नमाज़ से प्यार करे, वो कामयाब होता है,
    जो दुआ में रोए, वो पाक होता है,
    जुम्मा मुबारक हो उस दिल को,
    जो अल्लाह के ज़िक्र से आबाद होता है। 💖

  7. हर जुम्मे का दिन एक नई उम्मीद लाता है,
    हर सजदा गुनाहों को मिटाता है,
    रहमतों की फुहार में जो भीगा नहीं,
    वो खुद अपनी किस्मत से दूर भागता है। 🌙

  8. जब अल्लाह की याद दिल में उतर जाती है,
    तो हर परेशानी खुद ही मिट जाती है,
    जुम्मे का दिन है, रहमतों का पैग़ाम है,
    अल्लाह के नज़दीक हर दुआ कबूल होती है। 🌸

  9. जुम्मे की नमाज़ छोड़ो मत,
    यही दिन है सच्ची राहत का,
    दुआ करो, सजदा करो, शुक्र करो,
    यही रास्ता है जन्नत का। 💫

  10. या रब! हर दिल में ईमान की रोशनी भर दे,
    हर घर में बरकत और सुकून उतर दे,
    हर जुम्मे हमारी ज़िंदगी को आसान कर दे,
    और हर मुसलमान को जन्नत का रास्ता दिखा दे। 🤍

  11. जुम्मे की सुबह आई है रहमतों के साथ,
    दिल में उतर आया है रब का नाम साथ,
    दुआ करो वो सब कुबूल हो जाए,
    जो खामोशी में भी दिल से निकले बात। 🌸

  12. आज का दिन है बरकतों का सवेरा,
    जुम्मा है रहमतों का बसेरा,
    दरूदो-सलाम में बिताओ ये दिन,
    यही है रूह को सुकून देने वाला सवेरा। 🌙

  13. जब दिल थक जाए इस जहाँ की दौड़ में,
    तो सजदे में गिर जाओ अपने रब के जोड़ में,
    जुम्मा है — राहतों का दिन है ये,
    रहमतें बरसें हर मोड़ पे। 🤲

  14. आज का दिन है तौबा का दिन,
    हर गुनाह से माफी का दिन,
    झुको ज़मीन पे सच्चे दिल से,
    अल्लाह के करीब होने का दिन। 🌿

  15. जुम्मा मुबारक — नूर बरसे आसमां से,
    दुआ निकले हर मुसलमान की ज़ुबां से,
    हर ख्वाहिश पूरी हो तेरी इस दिन,
    रहमत उतरे रब के दरबार से। 🌸

  16. सजदे में सुकून है, नमाज़ में चैन,
    रब के ज़िक्र में मिट जाए हर दर्द और हुस्न-ओ-ग़म का दैन,
    जुम्मा है आज — रहमतों का पैग़ाम,
    अल्लाह करे सब पे बरसे इनाम। 💫

  17. जुम्मा आया है, दुआओं का मौसम लाया है,
    दिल में नूर और रूह में सुकून पाया है,
    जो झुका अल्लाह के आगे सच्चे दिल से,
    उसने जन्नत का रास्ता पाया है। 🌙

  18. हर जुम्मा एक नई शुरुआत है,
    रूह के लिए बरकत की सौगात है,
    जो आज दुआ करेगा पूरे यकीन से,
    उसके लिए रहमतें बरसात हैं। 🌿

  19. अल्लाह की रहमत हर दिल में उतर जाए,
    हर ग़म उसकी रहमत से मिट जाए,
    जुम्मा मुबारक हो मेरे प्यारे,
    तेरी ज़िंदगी में सुकून बस जाए। 🌸

  20. मस्जिदों में आज रोशनी कुछ और है,
    रूह को सुकून देने वाली ये फिज़ा और है,
    जुम्मे की नमाज़ में जो दिल लग जाए,
    उसकी तक़दीर का मंज़र और है। 🤲

  21. जब जुम्मा आता है, रूह में सुकून आता है,
    हर दुआ पे “कबूल” का पैग़ाम आता है,
    जो झुक जाता है अल्लाह के आगे,
    वो दुनियावी ग़म से आज़ाद हो जाता है। 💐

  22. जुम्मे की सुबह में है बरकतों की बात,
    हर लम्हा इसमें है रहमतों की सौगात,
    चलो सजदे में झुक चलें दिल से,
    रब से मांगें अपनी हर मुलाक़ात। 🌙

  23. जुम्मा — मुसलमान का ईद का दिन है,
    रहमतों का सबसे बड़ा ज़ीन है,
    जो नमाज़ पढ़े दिल से आज,
    वही सच्चे ईमान का मीन है। 🌿

  24. आज की सुबह दुआओं से सजाओ,
    हर ग़म को रब के हवाले लगाओ,
    जुम्मा है — बरकतों का दिन,
    रहमत की छाँव में दिल बसाओ। 🌸

  25. हर जुम्मा एक नया पैग़ाम है,
    जो रूह को रौशन करता नाम है,
    दरूदो-सलाम में बिताओ दिन,
    यही सुकून का असल इनाम है। 💫

  26. जुम्मा मुबारक — अल्लाह का करम हो तुम पर,
    रहमत बरसे हर कदम तुम पर,
    दुआ है मेरी, सदा मुस्कुराते रहो,
    जन्नत का साया हो हर दम तुम पर। 🤲

  27. जब रूह थक जाए ग़मों के बोझ से,
    तो झुक जाओ रब की दहलीज़ पे,
    जुम्मा है आज, सब ग़म छोड़ दो,
    रहमतों में डूब जाओ दिल से। 🌿

  28. जुम्मा मुबारक — सुकून की दुआ,
    हर मुसलमान के लिए रहमत की दुआ,
    जो पढ़े आज कुरान और नमाज़,
    उसके दिल में उतर जाए जन्नत की हवा। 🌙

  29. आज का दिन है बरकतों का मेहमान,
    जुम्मा — रूह को देता सुकून-ओ-ईमान,
    सजदे में गुम हो जाओ इस तरह,
    जैसे रब ही हो तुम्हारा जान-ओ-जहान। 🌸

  30. जो दुआ करे सच्चे दिल से आज,
    वो कभी ना रहे परेशान या नराज़,
    जुम्मा है — रब का तोहफ़ा ख़ास,
    हर लम्हा इसमें है इबादत का एहसास। 💫

  31. जुम्मा की सुबह — नूरानी एहसास,
    रब की याद में गुम हर सांस,
    जो अल्लाह पे रखे भरोसा,
    वही पाए सुकून का एहसास। 🌿

  32. आज जुम्मा है — रहमतों का दिन,
    दुआओं में रखो सबका ज़िक्र,
    जो भूल गए हैं रास्ता सच्चा,
    उन्हें दिखाओ रब का फ़िक्र। 🌙

  33. जब दिल में रब का ज़िक्र हो,
    तो जुम्मा हर पल इबादत हो,
    रहमत बरसे उस पर सदा,
    जो सच्चे दिल से मोहब्बत हो। 🌸

  34. जुम्मा मुबारक — रूह की राहत,
    सच्ची दुआ की खूबसूरत आदत,
    हर लब पे “अलहमदुलिल्लाह” रहे,
    यही है ज़िन्दगी की इनायत। 🤲

  35. मस्जिद की अज़ान में सुकून है,
    नमाज़ में रूह का जुनून है,
    जुम्मा है आज — बरकत का दिन,
    रहमत बरसे, यही दिल का सुकून है। 💫

  36. जुम्मे की रोशनी में हर ग़म मिट जाए,
    हर दिल में रब का नूर समा जाए,
    रहमतों की बारिश में सब भीग जाएं,
    हर मुसलमान को जन्नत नसीब हो जाए। 🌿

  37. आज की नमाज़ में जब आँसू बहते हैं,
    वो रूह को सुकून देते हैं,
    जुम्मा — अल्लाह का तोहफ़ा है,
    जो दिल से इबादत करते हैं। 🌙

  38. जुम्मा मुबारक — बरकतों की निशानी,
    रब की रहमत, इमान की कहानी,
    सजदे में झुको, करो दुआ,
    यही है सच्चे मुसलमान की रवानी। 🌸

  39. हर जुम्मे को नया सवेरा समझो,
    हर दुआ को रहमत का बसेरा समझो,
    रब जब दे, तो हिसाब नहीं करता,
    बस तुम भरोसे का सहारा समझो। 🤲

  40. जुम्मे की फ़ज़ीलत है बेमिसाल,
    रूह को मिलती है नई उड़ान,
    जो आज तौबा करे सच्चे दिल से,
    वो पा ले जन्नत का मकान। 💐

  41. जुम्मा — मोहब्बत का पैग़ाम है,
    रब की रहमत का इनाम है,
    हर मुसलमान को बरकत मिले,
    यही दुआ, यही सलाम है। 🌿

  42. आज का दिन है सुकून का पैग़ाम,
    दिल से निकलें रहमत का नाम,
    हर मुसलमान पे अल्लाह का करम हो,
    हर सजदे में छिपा इनाम। 🌙

  43. जब अल्लाह पास होता है,
    तो जुम्मा ख़ास होता है,
    हर दुआ कबूल होती है,
    हर ग़म आसमान में खो जाता है। 🌸

  44. जुम्मे का दिन — रहमत की निशानी,
    दुआओं की ताजगी, ईमान की रवानी,
    जो दिल से पढ़े दरूदो-सलाम,
    उसकी ज़िन्दगी बन जाए कहानी। 💫

  45. हर जुम्मा — बरकतों का समंदर है,
    रहमत का तोहफ़ा, सुकून का मंज़र है,
    जो झुके रब के आगे आज,
    वही दुनिया में सरफ़राज़ है। 🤲

  46. जुम्मा मुबारक — दुआ का दिन,
    रहमत और बरकत का दिन,
    रब करे तुम्हारी ज़िन्दगी,
    सुकून से भरा हर दिन। 🌿

  47. जो सजदे में झुक जाए आज,
    वो गुनाहों से हो जाए पाक,
    जुम्मा है — रब का तोहफ़ा,
    जो लाता है रहमत की बात। 🌸

  48. आज की सुबह अल्लाह के नाम,
    रूह को दे सुकून-ओ-आराम,
    जुम्मा मुबारक — सबको मिले,
    रहमतों का सलाम। 🌙

  49. जो जुम्मे को दुआ करता है,
    उसका दिल सुकून पाता है,
    रहमत बरसती है उस पर,
    जो रब को सच्चे दिल से चाहता है। 💐

  50. जुम्मा — मोहब्बत, रहमत और दुआ का दिन,
    हर मुसलमान के लिए बरकत का दिन,
    जो सजदे में गुम है आज,
    वही सबसे क़रीब है अपने रब के दिल के। 🌿

  51. जुम्मा है — रहमत का आसमान,
    रूह को दे सुकून-ओ-ईमान,
    सजदे में मांगो रब से,
    हर दर्द का हो इलाज़-ए-जान। 🌸

  52. आज रब के दर पे हाज़िरी दो,
    हर ग़म को दुआ में छोड़ दो,
    जुम्मा मुबारक — यही पैग़ाम,
    दिल से रब को जोड़ लो। 🌙

  53. रहमतों का मौसम आया है,
    जुम्मा — बरकतों का साया है,
    हर लब पे दरूदो-सलाम रहे,
    यही तो रूह का सुकून है। 🤲

  54. जुम्मा मुबारक — मोहब्बत का दिन,
    रब की याद का प्यारा दिन,
    जो दुआ करे सच्चे दिल से,
    उसका हो जाए नसीब हसीन। 💫

  55. हर जुम्मे को दिल में नूर रखो,
    हर ग़म को रब के दूर रखो,
    दुआओं से रौशन हो ज़िन्दगी,
    रहमतों का दस्तूर रखो। 🌿

  56. जुम्मा — रूह का सुकून,
    बरकतों का जुनून,
    जो अल्लाह को याद करे,
    वही पाए सच्चा सुकून। 🌸

  57. जब दिल टूटे तो रब को पुकारो,
    हर दर्द को सजदे में उतारो,
    जुम्मा मुबारक — रहमतों का दिन,
    अपने रब से प्यार करो। 🌙

  58. हर जुम्मा — दुआओं की खुशबू लाता है,
    रूह को सुकून-ए-ईमान दिलाता है,
    झुको आज सच्चे दिल से,
    रब सब कुछ लौटा देता है। 💐

  59. आज की सुबह नूरानी हो,
    हर दुआ कबूल-ए-रबानी हो,
    जुम्मा मुबारक — रहमत बरसे,
    हर ज़िंदगी आसानी हो। 🤲

  60. जुम्मा — रूह की ताज़गी का दिन,
    गुनाहों से पाक सफाई का दिन,
    जो झुके दिल से आज अल्लाह के आगे,
    वो पाए जन्नत की रौशनी में यकीन। 🌿


Jumma Mubarak Shayari (100 Lines)

  1. जुम्मे का दिन है रहमतों की बरसात का,
    दरूद पढ़ो, दिल को करो सुकून-ए-हयात का। 🌸

  2. जब भी जुम्मा आता है, दिल सुकून पाता है,
    अल्लाह के ज़िक्र से हर ग़म मिट जाता है। 🌿

  3. जुम्मे की नमाज़ में जब दिल लग जाता है,
    तो रब का नूर चेहरों पे झलक जाता है। 💫

  4. जुम्मा मुबारक उस दिल को, जो सच्चा मुसलमान है,
    जो अल्लाह की रहमत पे पूरा ईमान है। 🤲

  5. मस्जिदों में आज नूर की बारिश होती है,
    जुम्मा के दिन रहमतों की ताज़गी होती है। 🌧️

  6. जो सजदे में झुक गया अल्लाह के लिए,
    वो उठते ही दुनिया पे हावी हो गया। 🌙

  7. हर जुम्मा एक नई शुरुआत है,
    रब की रहमतों की सौगात है। 💐

  8. जुम्मा आए तो मुस्कुराओ,
    अल्लाह से अपने ग़म बताओ। 🌿

  9. जुम्मे के दिन की दुआओं में वो असर है,
    जो किसी और दिन में नहीं। 🌸

  10. आज का दिन है दुआ का, सुकून का,
    रब के नूर में डूब जाने का। 💫

  11. जुम्मा का दिन आए तो दिल को साफ़ करो,
    हर रंज-ओ-ग़म को रब के हवाले करो। 🌿

  12. न जाने कौन सी दुआ कब कबूल हो जाए,
    इसलिए हर जुम्मे को सजदे में गिर जाओ। 🤲

  13. जुम्मा मुबारक! रहमतों का मौसम है,
    दिल को रब के करीब करने का आलम है। 🌙

  14. जो दिल अल्लाह के ज़िक्र से रौशन है,
    वही जुम्मे का हक़दार है। 💐

  15. जुम्मा का दिन है — गुनाहों की माफ़ी का,
    रहमतों की बरसात का। 🌸

  16. मुस्कुराओ, क्योंकि आज जुम्मा है,
    रब का दिन, सुकून का सिलसिला है। 🌿

  17. अल्लाह से रिश्ता दिल से जोड़ो,
    जुम्मे की दुआओं में खुद को मोड़ो। 💫

  18. हर जुम्मे को दुआ करो उन के लिए,
    जो अब हमारे बीच नहीं रहे। 🤍

  19. आज जुम्मा है — हर दुआ पे “कबूल” लिखा है,
    हर सजदे में “रहमत” छिपी है। 🌙

  20. जो दिल में नूर रखे, अल्लाह उसके साथ है,
    हर जुम्मा उसकी ज़िन्दगी की बात है। 🌿

  21. जुम्मा का दिन — रूह की ताज़गी का दिन,
    रब की याद में गुम हो जाने का दिन। 🌸

  22. आज अल्लाह से जो मांगो,
    वो रहमतों के साथ देता है। 💫

  23. जो अल्लाह से प्यार करता है,
    उसका हर जुम्मा ईद जैसा होता है। 🌿

  24. जुम्मा मुबारक — मोहब्बत का पैग़ाम है,
    रब की रहमत का इनाम है। 🌙

  25. जो सजदे में गिरता है आज,
    वो कल जन्नत में उठेगा। 🤲

  26. हर जुम्मा एक नई उम्मीद लाता है,
    हर नमाज़ एक नई रौशनी जगाता है। 💐

  27. जुम्मे की सुबह — नूरानी एहसास,
    रब के करीब होने का अंदाज़। 🌿

  28. दुआओं की खुशबू से महका दिन,
    जुम्मा मुबारक मेरे अज़ीज़। 🌸

  29. जुम्मे की नमाज़ में जो रो पड़ा,
    वो अपने रब से जुड़ गया। 💫

  30. हर जुम्मा एक नई मोहलत है,
    अल्लाह की याद की दौलत है। 🌙

  31. जुम्मे का दिन — तौबा का दिन,
    रहमत की बारिश का मौसम है। 🌿

  32. जो रब को याद करता है,
    उसे कोई ग़म नहीं सताता। 🤲

  33. अल्लाह की रहमत हर तरफ़ फैली है,
    बस झुकना जानो — वो पास है। 💐

  34. जुम्मा मुबारक — दिलों को जोड़ने का दिन,
    नफ़रत मिटाने का दिन। 🌸

  35. आज के दिन दुआ मांगो सबके लिए,
    शायद किसी की तक़दीर बदल जाए। 🌙

  36. हर जुम्मे को मुस्कुराओ,
    क्योंकि रब तुमसे नाराज़ नहीं। 🌿

  37. आज रब से वो मांग लो,
    जो ज़िन्दगी से भी प्यारा हो। 💫

  38. जुम्मे की दुआ — रूह की ताज़गी है,
    दिल की सफ़ाई है। 🤲

  39. हर जुम्मा — सुकून का पैग़ाम है,
    मोहब्बत का इज़हार है। 🌿

  40. जब जुम्मे को दिल रोता है,
    समझो रब पास होता है। 💐

  41. जुम्मे की फज़ीलत का अंदाज़ा,
    वही जानता है जो सजदा करता है। 🌙

  42. जुम्मा — रहमत, माफ़ी और दुआ का दिन,
    सच्चे ईमान का इम्तिहान है। 🌸

  43. जुम्मे की बरकत सबको मिले,
    यही दुआ हर मुसलमान करे। 🤲

  44. हर जुम्मे को एक सजदा और बढ़ा लो,
    रब को राज़ी कर लो। 🌿

  45. जब रूह थक जाए,
    तो जुम्मे की नमाज़ पढ़ लो। 💫

  46. अल्लाह के दर पर जो झुकता है,
    वो कभी टूटता नहीं। 💐

  47. जुम्मा मुबारक — एक मौका तौबा का,
    एक रास्ता जन्नत का। 🌙

  48. आज जुम्मा है — सब ग़म भूल जाओ,
    रब से अपने हालात बताओ। 🌸

  49. जो जुम्मे को दुआ करता है,
    उसकी ज़िन्दगी में नूर उतरता है। 🌿

  50. हर सजदा एक अमानत है,
    हर जुम्मा एक रहमत है। 🤲

  51. जुम्मे का दिन — रूह का इम्तहान है,
    रब की रहमत का पैग़ाम है। 🌙

  52. आज जो भी दिल से मांगा,
    रब ने ज़रूर लिखा होगा। 💐

  53. जुम्मा — रौशन दिलों का दिन है,
    नेक इरादों का सिलसिला है। 🌿

  54. जुम्मा मुबारक, हर लम्हा बरकत वाला,
    हर सांस सुकून से भरा हो। 🌸

  55. रब की रहमत जब बरसती है,
    तो जुम्मा और भी प्यारा लगता है। 💫


Conclusion (निष्कर्ष):

जुम्मा सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि रहमत और सुकून का तोहफा है।
इस दिन अपने गुनाहों की माफी मांगो, ज़रूरतमंदों की मदद करो और अपनी ज़िंदगी को अल्लाह की राह में लगा दो।
हर जुम्मे पर अपनी दुआएँ माँगो — क्यूँकि यह वो दिन है जब अल्लाह “कबूल” कह देता है। 🌙

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