Surah Ash-Sharh (Surah Al-Inshirah ) । सूरह अश-शरह ( सूरह अल-इंशिराह ) हिन्दी में।

सूरह अश-शरह" (जिसे सूरह अल-इंशिराह भी कहा जाता है) क़ुरआन करीम का 94वां सूरह है, जो मक्का मुकर्रमा में नाज़िल हुआ। इसमें कुल 8 आयतें हैं, जिनमें अल्लाह तआला ने अपने प्यारे नबी हज़रत मुहम्मद ﷺ के दिल को तसल्ली और राहत देने के लिए फ़रमाया कि हर मुश्किल के साथ आसानी है। यह सूरह हमें यह हिकमत सिखाती है कि इंसान को मुश्किल हालात में भी सब्र और अल्लाह पर भरोसा रखना चाहिए, क्योंकि कठिनाइयों के बाद राहत ज़रूर आती है। सूरह अश-शरह की तिलावत से दिल को सुकून, रूह को ताजगी और ईमान में मज़बूती मिलती है। इसे अक्सर लोग परेशानियों, तनाव और दिल की बेचैनी दूर करने के लिए पढ़ते हैं। यह सूरह क़ुरआन के उन हिस्सों में से है जो हमें हौसला, उम्मीद और अल्लाह की रहमत का यक़ीन दिलाता है।

Surah Ash-Sharh (Surah Al-Inshirah ) । सूरह अश-शरह ( सूरह अल-इंशिराह ) हिन्दी में।


Explore Surah Ash-Sharh (The Relief), the 94th chapter of the Quran, presented in Arabic, Hindi, and English. This page offers the full text of Surah Ash-Sharh with Hindi transliteration (e.g., "फा इन्ना मा'अल उस्रि युस्रा"), Hindi translation, English transliteration, and English translation, making it easy to understand the meaning and significance of this beautiful Quranic surah. Perfect for those seeking spiritual guidance and Quranic knowledge.

Surah Ash-Sharh Arabic

أَلَمْ نَشْرَحْ لَكَ صَدْرَكَ (١)

وَوَضَعْنَا عَنكَ وِزْرَكَ (٢)

الَّذِي أَنقَضَ ظَهْرَكَ (٣)

وَرَفَعْنَا لَكَ ذِكْرَكَ (٤)

فَإِنَّ مَعَ الْعُسْرِ يُسْرًا (٥)

إِنَّ مَعَ الْعُسْرِ يُسْرًا (٦)

فَإِذَا فَرَغْتَ فَانصَبْ (٧)

وَإِلَىٰ رَبِّكَ فَارْغَب (٨)

सूरह अश-शरह हिंदी में

अलम नशरह लक सदरक (1)

क्या हमने तुम्हारा सीना तुम्हारे लिए वसी नहीं किया? .

व वज़'ना अंक विजरक (2)

और हमने तुम्हारा बोझ तुमसे उतार दिया, .

अल्लज़ी अनक़ज़ ज़हरक (3)

जो तुम्हारी पीठ को भारी कर रहा था? .

व रफ़'ना लक ज़िक्रक (4)

और हमने तुम्हारी शोहरत को बुलंद किया। .

फा इन्ना मा'अल उस्रि युस्रा (5)

तो बेशक, मुश्किल के साथ आसानी है। .

इन्ना मा'अल उस्रि युस्रा (6)

बेशक, मुश्किल के साथ आसानी है। .

फा इज़ा फरग़्त फनसब (7)

तो जब तुम फारिग हो जाओ, तो मेहनत करो, .

व इला रब्बिक फर्ग़ब (8)

और अपने रब की तरफ राग़िब हो। .

Surah Ash-Sharh in English

Alam Nashrah Laka Sadrak (1)

Have We not expanded for you your breast? .

Wa Wada'na Anka Wizrak (2)

And We removed from you your burden, .

Alladhi Anqada Zahrak (3)

Which weighed down your back? .

Wa Rafa'na Laka Dhikrak (4)

And raised high for you your fame. .

Fa Inna Ma'al Usri Yusra (5)

So verily, with hardship, there is relief. .

Inna Ma'al Usri Yusra (6)

Verily, with hardship, there is relief. .

Fa Idha Faraghta Fansab (7)

So when you have finished, strive hard, .

Wa Ila Rabbika Farghab (8)

And to your Lord turn your attention. .


सूरह अश-शरह हमें यह गहरी सीख देती है कि ज़िंदगी के हर कठिन मोड़ के बाद आसानी और राहत ज़रूर आती है। यह हमें सब्र, शुक्र और अल्लाह तआला पर पूरे भरोसे की दावत देती है। जब इंसान परेशानियों में घिरा हो, तो इस सूरह की तिलावत उसके दिल को सुकून और रूह को मजबूती देती है। हमें चाहिए कि इस सूरह के पैग़ाम को अपनी ज़िंदगी में अपनाएं और मुश्किलात का सामना हिम्मत और ईमान के साथ करें, क्योंकि अल्लाह तआला की रहमत हर वक्त हमारे साथ है।
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