Surah Al Adiyat in Hindi । सूरह अल-आदियात हिन्दी में।
दोस्तों अस्सलाम अलैकूम । सूरह अल-आदियात कुरआन मजीद की 100वी सूरह है। दोस्तों आपको बताते चलें कि islamicwaqia.com पर सूरह अल-आदियात पोस्ट भी आज की 100वी नम्बर पोस्ट है। इससे पहले हमने 99 पोस्ट पब्लिश कर दिया है। आपकी दुआ और मोहब्बत की वज़ह से आज हम इस मुकाम तक पहुंचे हैं। अल्लाह तआला हमें और आपको दिन के सीधे रास्ते पर चलने की तौफीक अता फरमाए आमीन।
Note - प्यारे दोस्तों हमें उम्मीद है सूरह अल आदियात हिन्दी में पढ़ने में आपकों आसानी हुई होगी। दोस्तों कुरआन मजीद कि इस सूरह को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करे। और कमेंट में माशाअल्लाह अल्हम्दुलील्लाह जरूर लिखें। आपका कमेन्ट हमें और ज्यादा मोटिवेट करता है। अल्लाह तआला हमें सीधे रास्ते पर चलने की तौफीक अता फरमाए। आमीन।
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Surah Al Adiyat hindi |
सूरह अल-आदियात ओडियो फ़ाइल सूने। Surah Al Adiyat Audio Mp3 File
तो चलिए दोस्तों सूरह अल-आदियात हिन्दी में तर्जुमा के साथ पढ़ते हैं। हमने इस सूरह का ओडियो फ़ाइल भी साथ में अपलोड किया है जिसे आप आसानी से सुनते सुनते इस सूरह को पढ़ सकते हैं। सूरह अल-आदियात अरबी में भी साथ में लिखा गया है।
सूरह अल-आदियात हिन्दी में। Surah Al Adiyat in Hindi
बिस्मिल्ला हिर रहमानिर रहीम
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
सुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है।
(1)
वल आदियाती ज़ब्हा
وَٱلۡعَـٰدِيَـٰتِ ضَبۡحًا
ग़ाज़ियों के) सरपट दौड़ने वाले घोड़ो की क़सम
(2)
फल मूरियाती कद़हा
فَٱلۡمُورِيَـٰتِ قَدۡحًا
जो नथनों से फ़रराटे लेते हैं
(3)
फ़ल मूग़िराती शुब्हा
فَٱلۡمُغِيرَٲتِ صُبۡحًا
फिर सुबह के वक़्त यलगार करते हैं
(4)
फअ'शर न बिही नकआ
فَأَثَرۡنَ بِهِۦ نَقۡعًا
फिर उससे गर्दो गुबार उड़ाते हैं
(5)
फव सत-न बिही ज़मआ
فَوَسَطۡنَ بِهِۦ جَمۡعًا
फिर (दुश्मन की) फ़ौज में जा घुसते हैं
(6)
इन्नल इन्साना लिरब्बिही लकनूद
إِنَّ ٱلۡإِنسَـٰنَ لِرَبِّهِۦ لَكَنُودٌ
कि यक़ीनन इंसान अपने परवरदिगार का बड़ा न शुकरा है
(7)
व इन्नहु अला ज़ालिक लशहीद
وَإِنَّهُ ۥ عَلَىٰ ذَٲلِكَ لَشَہِيدٌ
और वो खुद भी इस पर गवाह है
(8)
व इन्नहू लिहूब्बिल खैरि लशदीद
وَإِنَّهُ ۥ لِحُبِّ ٱلۡخَيۡرِ لَشَدِيدٌ
और इस में शुबहा नहीं कि वो माल से बड़ी मुहब्बत रखता है
(9)
अफला य्अलमू इज़ा बूअशिरा मा फ़िल कुब़ूर
أَفَلَا يَعۡلَمُ إِذَا بُعۡثِرَ مَا فِى ٱلۡقُبُورِ
क्या उसे मालूम नहीं कि जो मुर्दे क़ब्रों में हैं वो जिंदा किये जायेंगे
(10)
व हुश्शिला मा फ़िश् शूदूर
وَحُصِِّل مَا فِى ٱلصُّدُورِ
और जो कुछ उन के दिलों में है, वो सब ज़ाहिर कर दिया जायेगा
(11)
इन्ना रब्बहुम बिहिम यौ-मैइज़ीन लख़बीर ।।
۞ إِنَّ رَبَّہُم بِہِمۡ يَوۡمَٮِٕذٍ لَّخَبِيرُۢ
यक़ीनन उनका परवरदिगार उस दिन उन के हाल से खूब वाकिफ होगा